नई दिल्ली/मैट्रो नेटवर्क
मास्क पहनने को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है। हर तीन में से एक भारतीय घर से बाहर निकलते वक्त मास्क लेकर नहीं निकलता है। जबकि, तीन में से दो भारतीय कपड़े के मास्क का इस्तेमाल करते हैं, जिसे कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उपयुक्त नहीं माना गया है। कपड़े के पहने मास्क में संक्रमण को पहुंचने में सिर्फ दो मिनट लगते है।
लोकलसर्किल के द्वारा ओमिक्रॉन संक्रमण को देखते हुए यह परीक्षण किया। इसके तहत दो व्यक्तियों को एक ही घर में 6 फीट की दूरी पर रखा गया। इस परीक्षण में पाया गया है कि अगर घर में दोनों व्यक्ति एन-95 मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तीन घंटे से 24 घंटे में संक्रमण पहुंचता है। जबकि, संक्रमित व्यक्ति से एक स्वस्थ्य व्यक्ति, अगर उसने मास्क नहीं पहना है या फिर कपड़े का मास्क पहना है तो संक्रमण को पहुंचने में सिर्फ दो मिनट का समय लगता है। वहीं सर्जिकल मास्क में कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्ति में यह चार मिनट का समय लेता है।
वहीं एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि अमेरिका की तरह 67 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि भारत सरकार मुफ्त में एन95 मास्क उपलब्ध कराने के लिए एक अभियान की शुरुआत करे।
कोरोना की तीसरी लहर के बीच विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण से बचने के लिए एन-95 या केएन-95 मास्क ही उपयुक्त हैं। मानना है कि सर्जिकल मास्क कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ सीमित सुरक्षा ही प्रदान करते हैं। वहीं सबसे खतरनाक कपड़े के मास्क होते हैं, जिनसे न के बराबर सुरक्षा हो पाती है।