* साफ होने लगा कि राजनीतिक दबाव में दर्ज किया गया मामला
जालन्धर/ मेट्रो ब्यूरो
स्थानीय कपूरथला चौक स्थित एक प्लाट में बेसमेंट की खुदाई के दौरान साथ लगते भवनों में दरारें आने के बाद दर्ज एक मामले में डॉक्टर मुकेश जोशी को माननीय अदालत से राहत मिली है और उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी पर बहस सुनने के बाद उनकी गिरफ्तारी पर 11 अप्रैल तक रोक लगा दी है। गौर हो कि डॉक्टर मुकेश जोशी प्रसिद्ध और विश्वसनीय जोशी अस्पताल प्रबंधन के प्रमुख भी है।
हालांकि इस संदर्भित प्लॉट का सीधा संबंध जोशी अस्पताल प्रबन्धन की बजाए डॉ मुकेश जोशी और उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम रजिस्ट्री से जुड़ा हैं , लेकिन जोशी परिवार द्वारा प्रभावित भवन मालिकों की क्षति पूर्ति करने के बाद दोनों में सहमति से पैदा हुई समस्या का हल होने के बावजूद मीडिया और राजनीतिक दबाव के अभियान में जोशी अस्पताल को ही निशाने पर रखा गया, जिससे यह स्पष्ट प्रभाव दिख की जोशी अस्पताल की प्रतिष्ठा पर सुनियोजित ढंग से हमला है।
बाद में इस भवन के निर्माण से जुड़े नक्शे और एक अन्य मामूली भू खंड को जोड़ कर खुदाई किये जाने को लेकर एक राजनेता और कुछ अन्य के दबाव में उक्त मामला दर्ज किया गया। इस विषय में व्यापारी से हाल ही में राजनेता हुए व्यक्ति और अन्य के व्यवहार को लेकर भी कई प्रकार की नकारात्मक खबरे शहर की नुक्कडों पर बनी रही।
दरअसल उक्त मामला खुदाई के दौरान हुई कोताही या अनगहली का था लेकिन प्लाट प्रतिष्ठत जोशी अस्पताल के प्रबंधन प्रमुख के परिवार के नाम होने की वजह से हाई प्रोफाइल हो गया और मामले को सुनियोजित ढंग से तूल देकर राजनीतिक दबाव डालकर मीडिया में जोशी अस्पताल को निशाने पर रखा गया। इस घटना से जुड़े संबंधित विभागों द्वारा की गई जांच से जुड़े सूत्र भी यही मान रहें हैं कि राजनीतिक दबाव के चलते मामला दर्ज हुआ है।
वैसे कहा यह जा रहा था कि उक्त भूखंड पर शुरू हुए निर्माण के लिए नक्शा इत्यादि नियमानुसार पास था लेकिन इस बड़े भू खंड से अलग एक अति मामूली इससे जुड़े प्लाट की खुदाई कर रहे दल ने जानकारी न होने की वजह से उसे भी इसी भूखण्ड का हिस्सा समझ कर खुदाई शुरू कर दी और यह घटना हो गई। उस समय डॉ मुकेश जोशी पदिवार सहित किसी कार्यक्रम में भाग लेने विदेश गये हुए थे। जानकारी मिलते ही उस भू खण्ड की खुदाई रोक दी गई और उसे पुनः भर दिया गया व प्रभावित भवन मालिको की क्षतिपूर्ति के लिए सहमत कर समस्या सुलझा ली गई थी।
इस सम्बंध में डॉ जोशी से बात की गई तो उन्होने अदालत से राहत मिलने की पुष्टि की और कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है। इस लिए वह घटना के दौरान के क्रम से जुड़े किसी भी व्यक्ति पर कोई टिप्पणी नही करना चाहते। उन्होंने कहा कि कानून और अधिकारियों पर उन्हें पूरा भरोसा है।