* सुरजीत ज्याणी को छोड़ भाजपा नेतृत्व ने चुप्पी साधी
जालन्धर/मेट्रो ब्यूरो
भाजपा में हाल ही में शामिल किए गए सिक्ख स्टूडेंट फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष और अब भाजपा पंजाब के मुख्य प्रवक्ता हरिंदर सिंह काहलों द्वारा गत दिनों जालन्धर में किसानों के प्रति हिंसक मानसिकता से प्रेरित दिए गए बयान से जहाँ भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुरजीत ज्याणी ने खुद्द को तुरंत अलग किया है वहीं अकाली नेता प्रेम सिंह चंदू माजरा ने इस बयान को किसी ऐसी साजिश का हिस्सा करार दिया है जो पंजाब के हालात खराब करके राष्ट्रपति शासन लागू करवाने से जुड़ी है।
उधर कांग्रेस के वरिष्ठ दलित नेता और अमृतसर से विधायक राज कुमार वेरका ने इसे पागलपन बताते हुए कहा है कि भाजपा का सिस्टम ही खराब है , कोई एक कमला(पागल)हो तो समझाएं यदि सारा आंगन ही कमलो का हो तो।क्या होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसे पागलों को उनके।पास भेज दे , वह उन्हें इलाज के लिए अमृतसर के पागलखाने भिजवा देंगे या जो नए नए बाहर से भाजपा मेंआ रहे है उन्हें पहले आगरे के पागलखाने भेज दें, फिर पंजाब लाएं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरजीत ज्याणी केंद्र सरकार के विरुद्ध जारी किसान आंदोलन का सकारात्मक हल निकलवाने के लिए प्रयासरत है, ने कहा कि ऐसे बयान नही देने चाहिए, इससे सामाजिक सदभाव पर नकारत्मक असर पड़ता है। ज्याणी ने कहा कि किसान आंदोलन के हल निकालने के पश्चात सब ने एक हो जाना है इसलिए किसी को भी ऐसे बयान देने से बचना चाहिए।
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व जालन्धर में भाजपा कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओ से उनके परिचय हेतु रखे गए कार्यक्रम के दौरान जब किसान भाजपा दफ्तर घेरे हुए थे तो काहलों ने हिंसक मानसिकता से प्रेरित ब्यान दिया था।
काहलों ने पंजाबी भाषा में बोलते हुए कहा था ” यह तो मोदी जी बैठे है ऊपर जो आप से(किसानों से)प्यार किये जा रहे हैं, बदकिस्मती से मेरे जैसा बंदा बैठा होता तो अब तक आप को लाठियों से मार मार कर जेलों में बंद कर देता। इन का हल यही है और अब यही करना पड़ेगा” ।
काहलों ने एक घटना का उल्लेख करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को बताया कि जब वह भाजपा में शामिल हुए तो किसी व्यक्ति का फोन आया “आपके घर के बाहर गोबर की ट्राली फैंकने आ रहे हैं, तो मैंने जवाब दिया,वेल्कम, मगर साथ में चारपाई और सफेद चादर भी ले आये क्यों कि जिसने ट्राली उतारने आना है उसे वापिस चारपाई पर ही जाना है। काहलों ने किसानों को सम्बोधित होते हुए कहा भले लोगो आप लोहे के बने हो तो मैं प्लास्टिक का बना हूं”।भाजपा के स्थानीय वरिष्ठ नेता और प्रदेश नेतृत्व ने इस बयान पर चुप्पी साध रखी है।
गौरतलब है कि आंदोलनरत किसानों पर अबोहर से भाजपा विधायक अरुण नारंग के कपड़े फाड़ने से लेकर , प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा पर हमले और राजपुरा में भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों को हाउस अरेस्ट करने के आरोप लगते आये है लेकिन भाजपा ने शांति रखने के अपने सिद्धान्त का अब तक पालन किया है लेकिन अब बाहर से भाजपा में शामिल किए जा रहे नेताओ के आने के फेहरिस्त में शामिल हरिंदर सिंह काहलों के इस बयान के बाद कई आशंकाए पैदा हो रही है। खास कर शहरी और उपनगरीय इलाकों जहाँ भाजपा का शांतिप्रिय हिन्दू और सिक्ख वोट बैंक है आशंकित है कि ऐसे बयानों की वजह से कहीं इस बार पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले ही बंगाल जैसी हिंसा न हो जाये। सियासी पर्यवेक्षक भाजपा की रणनीति का आधार जातीय ध्रुवीकरण की कोशिश से भी जोड़ रहे है।
जालन्धर के कई व्यापारियों का कहना है कि भाजपा द्वारा पार्टी में करवाई जा रही शमूलियत भले ही राजनीतिक रणनीति कही जा रही हो लेकिन ऐसे बयानों का लाभ देश के भीतर और पड़ोस में बैठे भारत विरोधी समूह पंजाब में हालात खराब करवा सकते हैं।