*आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा किसान समृद्धि महोत्सव मनाया गया-किसानों का उज्जवल भविष्य*
*गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी को सुर्यदत्ता राष्द्रीय लाईफटाईम एचिवमेंट पुरस्कार 2022
बेंगलुरू/मेट्रो ब्यूरो
आर्ट ऑफ लिविंग के अंतर्राष्ट्रीय आश्रम में तीन दिवसीय किसान महोत्सव का आयोजन प्रारंभ हुआ। एक हजार किसानों से परिपूर्ण इस आयोजन को एक नए उत्साह और बेहतर आर्थिक भविष्य के लिए गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी की उपस्थिति में किया गया। इस महोत्सव में जल संसाधन केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपिस्थत थे।
इस अवसर पर कंन्द्रीय मंत्री, जल संसाधन श्री गजेन्द्र ने कहा किसानों के प्रति विस्तृत दृष्टिकोण को रखते हुए कहा कि भारतीय किसानों के पास श्रेष्ठ उत्पादन की बेहतरीन संभावनाएँ है। उन्हौने आगे कहा कि हमारी भौगोलिक विविधता के कारण हम विश्व में जो उगाया जाता हैं, वह सब हम उगा सकते हैं। हमें अपनी कृषि को निर्यात वाले मॉडल में बदलते हुए विश्व बाजार पर सफलता से हिस्सेदारी बढ़ाना होगा।
आर्ट ऑफ लिविंग के समुदाय आधारित नदी पुर्नजीविकरण, पानी के स्रोतों का बेहतर प्रबंधन, प्राकृतिक खेती को देश में एक मॉडल की तरह अपनाना चाहिये।
हमें देश से बाहर जाकर यह सीखने की आवश्यकता नहीं है कि हमारे पानी के स्रोतों को कैसे प्रबंधन करें, हमें अपने अंदर ही देखना होगा। जैसे आर्ट ऑफ लिविंग ने एक मॉडल स्थापित किया है और पूरे देश में किया है। उन्हौने इस पर जोर देते हुए कहा।
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी ने इस अवसर पर किसानों को बधाई देते हुए कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग और भारत सरकार दोनों किसानों की बेहतरी के लिए कार्यरत है। उन्होंन आगे कहा कि, भारत कृषि प्रधान देश है और देश किसानों के लिए कुछ भी नया करने के लिए तैयार है, यहाँ तक कि देश के प्रधानमंत्री भी इसे बार बार दोहराते रहे हैं। वे किसानों का दर्द समझते हैं और वे कटिबद्ध हैं किसानों के विकास के लिए।
सभी उपस्थित किसान संगत कृषि विकास के आर्ट ऑफ लिविंग के द्वारा संचालित किए गए प्रोजेक्ट के लाभार्थी रहे हैं। संस्था के नदी पुर्नजीविकरण, जलग्रहण प्रबंधन, कृषिवन, सामाजिक वानिकी से जुडे किसान महोत्सव में उपसिथत थे।
कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावरचंद गेहलोत ने किसानो को बधाई देते हुए कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के माध्यम से किसान कृषि समुदाय नवीन नीतियों को लेकर कार्यरत है और श्रेष्ठ सफलता अर्जित कर रहा है। उन्हौने आगे कहा कि यदि किसान सरकार की नीतियों में भागीदार बनेंगे तो सफलता निशिचत है। उन्हौने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का लाभ किसानों को लेना चाहिये।
इस अवसर पर उपस्थित किसानों ने भी अपनी सफलता की कहानी सबके साथ बाँटी। उन्होने आर्ट ऑफ लिविग के योगदान को भी रेखांकित किया कि कैसे उनका जीवन यापन सरल हुआ और समुदाय का सुदृढ़ कैसे हुआ।
इस अवसर पर गुरूदेव श्री श्री को उनके मानवतावादी, शांति और आध्यात्म के क्षेत्र में कार्यों को लेकर सुर्यदत्ता राष्ट्रीय लाईफ टाईम एचिवमेंट पुरस्कार 2022 देने की घोषणा भी की गई।
किसान समृद्धि महोत्सव एक पहल है जिसका उद्देश्य किसानों को ऐसी जानकारी प्रदान करना है जिसका उपयोग वे प्राकृतिक खेती में सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ फसल उत्पादन को सुधारने के लिए कर सकते हैं, उभरती प्रौद्योगिकियों को समझ सकते हैं और आय उत्पन्न करने के कई तरीकों को समझ सकते हैं, और वैश्विक बाजार में प्रवेश करने के उपायों का विस्तार करने के विभिन्न तरीकों को सीख सकते हैं। यह वित्तीय सुरक्षा और प्रचुरता प्राप्त करने के उद्देश्य से भारतीय कृषकों को प्राकृतिक खेती, स्वदेशी बीजों के साथ कृषि-जैव विविधता, वित्तीय साक्षरता, सोशल मीडिया मार्केटिंग और वैश्विक बाजार के अवसरों की समझ में उनके कौशल समूह में सुधार करने में मदद करने का एक प्रयास है।
उत्सव में आर्ट ऑफ लिविंग सोशल प्रोजेक्ट्स की टीम किसानों के लिए व्यापक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगी। कुछ उल्लेखनीय विषय जो एजेंडे में शामिल हैं
• पुनर्योजी कृषि पद्धतियों में प्रशिक्षण
• प्राकृतिक खेती के माध्यम से भोजन और पोषण सुरक्षित करना,
• -जल संवेदनशील और जलवायु अनुकूल कृषि में प्रशिक्षण, और
• फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग,
• -इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डेटा के साथ
• उन किसानों द्वारा प्रशंसापत्र और व्यावहारिक जानकारी साझा करना जो पहले से ही विपणन के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने का लाभ उठा रहे हैं।
किसान आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख कार्यक्रम ‘हैप्पीनेस प्रोग्राम’ में भी शामिल होंगे, जहां वे विश्व स्तर पर लोकप्रिय सांस लेने की तकनीक-सुदर्शन क्रिया, और अन्य प्राणायाम, ध्यान और जीवन कौशल सीखेंगे।
*आर्ट ऑफ़ लिविंग की सामाजिक परियोजनाओं के बारे में
आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के तत्वावधान में संचालित, सामाजिक परियोजनाएं सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मुद्दों के समग्र समाधान प्रदान करने का एक प्रयास है। यह स्थानीय समुदायों के साथ साझेदारी बनाने व उसे जारी रखने, निगमों, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों, विकास एजेंसियों और संस्थाओं के सहयोग से ऐसा करता है। सामाजिक परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से निष्पादित करने के लिए सहयोगी दृष्टिकोण, अद्वितीय क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और स्केलेबल मॉडल के माध्यम से अखिल भारतीय स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
कुछ प्रमुख परियोजनाओं में नदी कायाकल्प, प्राकृतिक खेती, कौशल विकास, नि:शुल्क स्कूल, आपदा राहत, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, कैदी पुनर्वास और शांति पहल शामिल हैं।
नदी कायाकल्प परियोजना के तहत, 5 भारतीय राज्यों में 48 नदियों और सहायक नदियों को 26,000 से अधिक पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण करके और लगभग 6,57,000 पेड़ लगाकर पुनर्जीवित किया गया है। कुल मिलाकर, इसने 9,320 गांवों के 1.2 करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित किया है।
प्राकृतिक खेती में, भारत के 22 राज्यों में 2,200 प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षकों द्वारा लगभग 22,00,000 किसानों को प्रशिक्षित किया गया है। इनमें से 1,15,000 किसान आत्महत्या प्रवण जिलों के थे। 2018 से 2020 तक 24,959 किसानों को प्रशिक्षित किया गया, जिनमें 28.8% महिलाएं थीं। युवाओं को फार्म मैनेजर बनने का प्रशिक्षण देकर भी जोड़ा गया है। सामूहिक रूप से किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप रासायनिक खेती की तुलना में प्रति एकड़ लागत में 80% की कमी आई है, जबकि 56,157 एकड़ भूमि को जलवायु अनुकूल कृषि भूमि में बदल दिया गया है।
*आर्ट ऑफ लिविंग के बारे में
आर्ट ऑफ लिविंग दुनिया भर के 156 देशों में संचालित एक गैर-लाभकारी, शैक्षिक और मानवीय संगठन है। विश्व प्रसिद्ध मानवतावादी और आध्यात्मिक नेता, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर द्वारा 1981 में स्थापित, आर्ट ऑफ लिविंग के शैक्षिक और आत्म-विकास कार्यक्रम तनाव को खत्म करने और कल्याण की भावना को बढ़ावा देने के लिए शक्तिशाली उपकरण प्रदान करते हैं। एक प्रसिद्ध मानवतावादी नेता, गुरुदेव के कार्यक्रमों ने विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों को सहायता प्रदान की है। उनके संदेश की ताकत ने स्वयंसेवकों के एक विशाल निकाय के माध्यम से आध्यात्मिकता पर आधारित सेवा की लहर को प्रेरित किया है, जो इन परियोजनाओं को दुनिया भर के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आगे बढ़ा रहे हैं।