अनुयायियों ने श्री श्री रवि शंकर के जन्मदिन पर भव्य सत्संग व भजन संध्या का आयोजन किया

*सामाजिक सदभावना को मजबूत करना  श्री श्री का मुख्य उद्शेय।

नवांशहर / मेट्रो एनकाउंटर ब्यूरो

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक एवं प्रमुख, वैश्विक ज़तर पर पूज्य आध्यात्मिक गुरु  श्री श्री रवि शंकर जी के जन्मदिन पर शुक्रवार की शाम संस्था के नवांशहर चैप्टर ने स्थानीय गीता भवन मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया। भजन संध्या में विशेष रूप से आर्ट ऑफ़ लिविंग के शिक्षक एवं गायक अक्षय शर्मा और सुशांत कश्यप हिमाचल के शिमला और मंडी  से कार्यक्रम में प्रस्तुति हेतू पहुंचे।

इस अवसर पर उन्होंने अपने भजनों से ऐसा समय बांधा कि जो एक बार आकर बैठा वह आखिर तक बैठा ही रहा। उन्होंने वाहेगुरु वाहेगुरु ,आवीं बाबा नानका , हम तो सीता राम कहेंगे हम तो राधा शाम कहेंगे , सागर में एक लहर उठी तेरे नाम की , क्या है भरोसा जगत का सब यही रह जायेगा आदि भजनों से वातावरण भक्तिमय बना दिया। सत्संग के दौरान आर्ट ऑफ़ लिविंग के शिक्षक मुकेश रानी ने गुरु पूजा की और बताया कि इस संसार में आये हुए और आने वाले सभी गुरुओं प्रति अपनी कृतज्ञता प्रगट करने के लिए गुरु पूजा की जाती है।

इस मोके पर आर्ट ऑफ़ लिविंग के जिला कमेटी के सदस्य विनोद भारद्वाज , संजीव दुग्गल , सुनिधि मिगलानी , रमन मल्होत्रा , मनोज जगपाल , हतिंदर खन्ना , रिया अरोड़ा , देवकी नंदन ने सत्संग में विशेष रूप से पहुंचे संतों को उपहार दिए। अद्वैत स्वरूप आश्रम पंडोरा मोहल्ला (कुटिया पंडोरा मोहल्ला) से संत वैराग पूरी जी और संत करुणा पूरी जी और पल्ली झिक्की से स्वामी तीरथ सिंह जी ने गुरु जी को बधाई दी और आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा जो काम नवांशहर और पूरे विश्व में किये जा रहे है उनकी प्रशंसा की। इस मोके पर मनोज जगपाल ने बताया की आर्ट ऑफ लिविंग के वालंटियरों ने इस सत्संग के आयोजन में बहुत मेहनत की है जिसमे सोशल मीडिया लाइव और अन्य टेक्निकल कार्यो में अंकुश निझावन का योगदान प्रशंसनीय है।

इस मोके पर आर्ट ऑफ़ लिविंग के शिक्षक मनोज कण्डा ने कहा कि चार दशकों से भी अधिक समय से, श्री श्री रविशंकर मानवीय मूल्यों को, परस्पर सदभाव  को बढ़ावा देने व साम्प्रदायिक एकता की मजबूती  सामाजिक उत्तरदायित्व को प्रोत्साहन के मानवीय कार्यो में लगे हुए है

मनोज ने उपस्थिति को बताया कि श्री श्री रविशंकर ने विशेष कार्यक्रम तैयार किए हैं जो भावनात्मक और शारीरिक कल्याण के लिए प्रभावी और व्यावहारिक तकनीक सिखाते हैं। उन्होंने योग और ध्यान की परंपराओं को फिर से जगाया है और उन्हें एक ऐसे रूप में प्रस्तुत किया है जो 21वीं सदी के लिए प्रासंगिक है। प्राचीन ज्ञान को पुनर्जीवित करने के अलावा, श्री श्री रविशंकर ने व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन के लिए भी नई तकनीकों का निर्माण किया है। इनमें सुदर्शन क्रिया शामिल है जिसने लाखों लोगों को तनाव से राहत पाने और दैनिक जीवन में ऊर्जा और शांति के आंतरिक भंडार खोजने में मदद की है। श्री श्री रविशंकर लोगों को इन तकनीकों को सिखाने के लिए दुनिया की यात्रा करते हैं, और आर्ट ऑफ़ लिविंग के कार्यक्रम पहले ही लाखों लोगों के जीवन को छू चुके हैं।

इस अवसर पर डॉ प्रदीप अरोड़ा , अनिल लडोइया , सीमा भुच्चर , हर्ष शर्मा , विशाल शर्मा एडवोकेट , विक्रम शर्मा , संजीव भरद्वाज , संतोष शर्मा , हर्ष ,शर्मा , प्रदीप शारदा , मनोज गाबा , राजिंदर सैनी , नंदेश भनोट , महेश कुमार , राजदीप , रजनी कण्डा , रमणी शारदा , रचिता मल्होत्रा , प्रवेश कुमार , सीमा भुच्चर , मीरा राजपाल , सुशील पूरी , गौरी शंकर , सतीश सचदेवा , रमन भुच्चर , कपिल किरपाल , सुरभि जगपाल , रविश दत्ता , दीदार सिंह , राजेश सरीन , अमित सूद , पूजा अरोड़ा , शिव कुमार पाठक , मनीषा पाठक , प्रमोद कुमार , विकास जांगड़ा , अजय मिगलानी , कोमल अरोड़ा , पूजा , मौजूद रहे। सत्संग के उपरान्त सभी ने लंगर प्रशाद भी ग्रहण किया।

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