^डीजीपी, ने कहा नशा रोकने के लिए कई पहल की, अभी और प्रयास करने होंगे
*नशा मुक्त पंजाब व कर्तव्यनिष्ठ संस्था ने नशे के खिलाफ काम कर रही शख्सियतों को दिया जीवन रक्षक सम्मान
*गढ़शंकर के डॉ. श्रवण कुमार ख़रीटा व धीरज कुमार को मिला सम्मान
होशियारपुर/ दलजीत अजनोहा
नशे की लत में लिप्त व्यक्ति समाज से कट जाता है। उससे सब घृणा करने लगते हैं। लेकिन असल में उन्हें उस दलदल से बाहर निकालने के लिए दुत्कार की नहीं प्यार की जरूरत होती है। समाज से अलग-थलग करने की नहीं बल्कि समाज से जोड़ने के लिए प्रयास करना चाहिए। यह बात चंडीगढ़ के पुलिस महानिरिक्षक प्रवीर रंजन ने सेक्टर-18 स्थित टैगोर थियेटर में नशा मुक्त पंजाब व कर्तव्यनिष्ठ संस्था द्वारा आयोजित जीवन रक्षक सम्मान समारोह में कही। इस दौरान गढ़शंकर के डॉ. श्रवण कुमार ख़रीटा व धीरज कुमार को उनके कार्यों के लिए जीवन रक्षक सम्मान के साथ सम्मानित किया गया। नशे की लत में डूबे ऐसे ही युवाओं और इस क्षेत्र में काम करने वाली शख्सियतों के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम में डीजीपी प्रवीर रंजन बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। कार्यक्रम में युवाओं का जोश बढ़ाने उन्हें प्रेरित करने के लिए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ी तेजिंदरपाल सिंह भी पहुंचे थे। विशिष्ठ अतिथि के तौर पर स्वास्थ्य निदेशक डा. सुमन सिंह, विशेष अतिथि संत शर्मा और डा. स्वामी वगीश स्वरूप मौजूद रहे।
प्रवीर रंजन ने कहा कि नशे की लत धीरे धीरे लगती है। एक दोस्त इसके चंगुल में आता है फिर धीरे धीरे दूसरों को भी वह अपने साथ शामिल कर लेता है। जबकि ऐसे समय में उसके दोस्तों को अपने दोस्त को बचाने का रोल अदा करना चाहिए। उसे उस दलदल से बचाना चाहिए। चंडीगढ़ पुलिस ऐसी कई पहल कर रही है। ऊर्जा पहल के जरिए कालोनियों के 2500 से अधिक बच्चों को जोड़ा गया है। चंडीगढ़ पुलिस का बेटियों की रक्षा के लिए स्वयं प्रोग्राम भी उन्हें प्रतिरक्षा के साथ स्वस्थ फिट रखने का प्रयास है। प्रवीर रंजन ने कर्तव्यनिष्ठ संस्था के संरक्षक संजीव कुमार व नशा मुक्त पंजाब के संयोजक मदनजीत सिंह को सफल आयोजन के लिए बधाई दी। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय सह संपर्क प्रमुख जसबीर सिंह ने कहा कि नशा अब आम बात नहीं रही बल्कि यह राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, वीरता विहिन करने की साजिश है। इसमें विदेशी ताकतें शामिल हैं। सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं है इसकी जड़े अब पूरे देश में फैल चुकी हैं। यह विदेशी ताकतें पंजाब में हिंदू-सिख को लड़ाने के लाख प्रयास कर रही। हालांकि उसमें कामयाब नहीं हुई।
ग्राहक नहीं होगा तो बंद हो जाएगी नशे की दुकान
हालत ऐसे हैं कि अब मां बाप यह नहीं देखते कि वह यूनिवर्सिटी या कालेज शिक्षा के क्षेत्र में कैसा है बल्कि यह देखते हैं कि उसके हास्टल में नशा तस्कर सक्रिय तो नहीं है। कुछ लोग इससे बचने के लिए अपने बच्चों को विदेशों में भेज रहे हैं फिर चाहे उन्हें अपने घर जमीन ही क्यों न बेचनी पड़े। इसे ब्रेनड्रेन भी कहा जा रहा लेकिन वह अच्छे पढ़लिख कर जाएं तो यह ब्रेन ड्रेन है। केवल दसवीं, 12वीं कर आइलेस्ट कर बाहर जाना यह कहां का ब्रेन ड्रेन है। युवा शक्ति को बाहर जाने से रोकने के लिए सभी को प्रयास करना होगा। यह केवल पुलिस और सरकारों का काम नहीं है। इस युवा शक्ति को खेलों, शिक्षा और धर्म में लगाएं। आजादी की क्रांति जैसे नशे के खिलाफ लहर चलानी होगी। जो नशा नहीं करते पहले उन युवाओं को इससे बचाएं। फिर जो नशे की दलदल में फंस चुके हैं उन्हें बाहर निकलाने का काम करें। जब नशे की दुकान के लिए कोई ग्राहक ही नहीं बचेगा तो वह अपने आप बंद हो जाएगी। आयोजक संजीव कुमार ने बताया कि एक सेना अधिकारी ने उन्हें कहा के पहले उनके गांव से हर घर से एक या दो लोग सेना में थे अब तो साल में चार पांच युवा ही शामिल होते हैं। कारण पता किया तो पता युवाओं का रूझान सेना की तरफ होने से पहले ही नशा तस्कर उन्हें जाल में फंसा लेते हैं। पहले उन्हें फ्री में लत लगाते हैं फिर उनसे पैसे ऐंठते हैं अपराध कराते हैं। यह युवा नशे की ओवरडोज से नहीं मर रहे बल्कि इनका साजिश के तहत कत्ल हो रहा है। इस साजिश को खत्म करने के लिए ही ऐसे कार्यक्रम कर उन लोगों को आगे लाने की पहल शुरू हुई है जो नशे के खिलाफ काम कर रहे हैं।
*इन्हें मिला सम्मान*
रविंद्र चौधरी, रविंद्र सिंह बिल्ला, डा. विभा रे, जितेंद्र पाल सिंह गोलू, फूड सेफ्टी आफिसर सुखविंद्र सिंह, डा. जेएस ठाकुर, डा. श्रवण कुमार, धीरज कुमार, वेंकेटेश एस, सुरेंद्र महाजन, गीतेश्वर दीवान, डा. नेमी चंद, मोहिंद्र कटारिया, राज मल्होत्रा, भावना सैनी और प्रभजोत कौर।
*यह इवेंट भी हुए*
कार्यक्रम में नशे के खिलाफ जुगनी ग्रुप ने बेनाम नाटक प्रस्तुत कर सभी को भावुक कर दिया। स्वयं टीम ने लड़कियों को स्नैचिंग, छेड़छाड़, एटीएम, लिफ्ट में किसी गलत हरकत से बचने के टिप्स युवाओं को दिए। डीएवी-8 स्कूल के स्टूडेंट्स ने देशभक्ति समूहगान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र मंच संचालक पंकज पम्मू भी रहे। उन्होंने इतने गंभीर कार्यक्रम के बीच हल्के फुल्के अंदाज से सभी को बांधे रखा। 800 से अधिक युवाओं की उपस्थिति और जोश को मुख्यातिथि प्रवीर रंजन ने जमकर सराहा।