कल पंजाब के लिए यह ऐलान करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

                           चंडीगढ़/मेट्रो ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल न्यू चंडीगढ़ क्षेत्र में  होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एन्ड रिसर्च सेन्टर का  उद्धघाटन करेंगे। यह अस्पताल निजी क्षेत्र द्वारा संचालित है।

प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर कड़ी और चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई। गौर हो कि मोदी की यात्रा से पूर्व पंजाब में दहशतगर्दी फैलाने की गुप्तचर तंत्र के पास पहुंची सूचनाओं की वजह से पंजाब, चंडीगढ़ और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां फूंक फूंक कर कदम रख रहीं हैं। मोदी जनवरी 2022 के बाद पहली बार पंजाब आ रहे हैं। तब फिरोजपुर में भाजपा की चुनावी रैली में भाग लेने आ रहे मोदी का किसानों ने उनके यात्रा मार्ग में घेराव की कोशिश कर सुरक्षा व्यवस्था के लिए चुनौती पैदा कर दी थी। इस घटना का कांग्रेस शासित सूबा सरकार व भाजपा ने जमकर राजनीतिकरण किया था लेकिन बाजी आम आदमी पार्टी ने मार ली थी और सूबे में अप्रत्याशित जीत हासिल कर सरकार बनाई।

मोदी के कल के उद्धघाटनी समारोह के अलावा पंजाब की सूबा सरकार ने भी एक सरकारी समारोह रखा है। इस समारोह में भाजपा के कारकुन भी सीमित संख्या में भाग लेने की कोशिश कर रहे है। मशक्कत के बाद भाजपा के सूबा यूनिट ने केंद्र सरकार और सूबा सरकार में तालमेल के माध्यम से इस सरकारी समारोह के लिए प्रवेश पत्र इत्यादि प्राप्त किये है। जानकारी मिल रही है कि प्रधानमंत्री इस सरकारी समारोह में पंजाब के संदर्भ में कुछ विशेष प्रकटीकरण कर सकते है।

मोहाली में बने चंडीगढ इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम शहीद ए आज़म भगत सिंह के नाम पर करने के लिए पंजाब और हरियाणा की सरकारें सहमति व्यक्त कर चुके है और सम्भावना है कि मोदी इस की आधिकारिक घोषणा करें हालाँकि इस संदर्भ में एक नई और व्यापक राय भी सार्वजनिक हुई है और मांग उठ रही है कि इस एयरपोर्ट का नाम बंदा बैरागी ( बंदा सिंह बहादुर) जो कि दशम पिता गुरु गोबिन्द सिंह के परम अनुयायी योद्धा और जरनैल थे और उन्होंने प्रथम खालसा राज मुगलों को हराकर स्थापित किया था, के नाम पर रखा जाए। इसकी आधार यह बताया जा रहा है कि बंदा बैरागी या बंदा सिंह बहादुर ने जो चपड़ चिड़ी का युद्ध फतेह किया था चपड़ चिड़ी का ऐतिहासिक मैदान मोहाली एयरपोर्ट से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर है। यह राय व्यक्त करने वाले समूहों का मानना है कि शहीद ए आज़म भगत सिंह की लासानी शहादत की कोई तुलना नही है और उनके नाम को जिला शहीद भगत सिंह नगर सहित कई अन्य स्मारक समर्पित है इसलिए पंजाब की ऐतिहासिक विरासत और संस्कृति को सहेजने की दृष्टि से क्षेत्रवार सांस्कृतिक महापुरुषों ,योद्धाओं और  वीरांगनाओं के नामों को भी भवन, जिले इत्यादि में नाम समर्पित किया जाना चाहिये।

 

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