आज़ादी के अमृत महोत्सव पर शहीद भगत सिंह विचार मंच ने निकाली विशाल तिरंगा यात्रा

* आर्ट आफ लिविंग और एस के टी प्लांटेशन ने खटकड़कलां के शहीद स्मारक क्षेत्र में करवाया पौधरोपण

* दविंदर शर्मा और राकेश शान्तिदूत ने अमृत महोत्सव का महत्व बताया            

                       नवांशहर/मेट्रो ब्यूरो

आज़ादी के 75वे वर्ष को समर्पित अमृत महोत्सव के अंतर्गत  यहां आज  शहीद भगत सिंह विचार मंच ने एक विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई। मोटर साइकिलों पर सवार भारतीय तिरंगे ध्वजों को थामे युवाओ का जोश देखते ही बन रहा था। नवांशहर से शहीद के आज़म भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां स्थित शहीद स्मारक की ओर बढ़ते यह काफिले ऐसे दिख रही थी जैसे आज़ादी के जोश से सराबोर देश भक्ति के जज्बे की सब धाराएं खटकड़ कलां की ओर बह रही हो। मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे, मेरी जान जान तिरंगा है मेरी शान तिरंगा है के गगनभेदी गीतों के साथ स्वर मिलाते युवाओं के काफिला ने अमृत महोत्सव में भारतीय अनेकता में एकता को प्रत्यक्ष कर दिया था।

 

खटकड़कलां में शहीद के आज़म के पैतृक घर के निकट  यह तिरंगा यात्रा यहां आयोजित रैली में आकर सम्मलित हुई। इस रैली में समाज के विभिन्न संगठनों के लोग आए। इस अवसर पर देशभक्ति के गीत गाए गए और सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिथि डॉ. दविंदर शर्मा जी ने अपने विचार रखे और जालंधर से ये वरिष्ठ पत्रकार एवं मुख्य वक्ता श्री राकेश शांतिदूत ने सभी को अमृत महोत्सव की जानकारी दी और विभिन्न शहीदों की शहादत के बारे में विस्तार से बताया। इस भव्य तिरंगे यात्रा में बाबा बलराज समिति, बलाचोर शिव मंदिर समिति, बलाचोर विश्वकर्मा मंदिर समिति, लक्ष्मी नारायण मंदिर बंगा के सदस्य, भारत विकास परिषद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद , एस.के.टी. , आर्ट ऑफ लिविंग सहित विभिन्न संगठनों ने भाग लिया। इस तिरंगा यात्रा में नरिंदर जैन, मोहन सिंह, गुणाकेश , गुलशन कुमार, सुदर्शन, संजीव भारद्वाज, अश्विनी धीर, मनोज कण्डा , अंकुश, संदीप जैन, राम कुमार, पुष्प राणा, राजीव, वरिंदर कुमार, विनीत कुमार, पंडित रमाकांत, राकेश कुमार, बलराम, कृष्णा साधु राम, रमेश कुमार, रोहित बादल, राहुल कंडा  पहुंचे

इस अवसर पर हरियाली उत्सव टीम के प्रमुख अंग आर्ट ऑफ लिविंग और एस के टी प्लान्टेशन ने राकेश शान्तिदूत और दविंदर शर्मा से खटकड़कलां की महान धरती पर पौधरोपण करवा कर पर्यावरण सुरक्षा और सरंक्षण का आह्वान किया।

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