टू रीच द अन रीचड , विद्या भारती का लक्ष्य : अवनीश भटनागर

*विद्या भारती की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक कल से। *जालन्धर स्थित विद्या धाम में देश भर से 200 डेलीगेट जुटे।

                 जालन्धर/मेट्रो एनकाउन्टर ब्यूरो

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान एक स्वयंसेवी शैक्षिक संगठन है जिसका संपूर्ण संचालन समाज आधारित है | विद्या भारती का लक्ष्य – समाज के सभी वर्गों तक देशभक्ति पूर्ण और संस्कार युक्त शिक्षा पहुंचाना है |यह बात अखिल भारतीय भारतीय शिक्षा संस्थान विद्या भारती के महामंत्री अवनीश भटनागर ने आज यहां विद्या धाम में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए की| वह यहां कल से शुरू होने जा रही विद्या भारती की तीन दिवसीय (15 से 17 सितंबर तक)शामिल होने आए हैं। बैठक की कार्यकारिणी में देश भर से 200 डेलीगेट शामिल हो रहे हैं। विद्या भारती गैर सरकारी सहायता प्राप्त दुनिया की सबसे बडी शिक्षा सेवी संस्था है।

संवाददाताओं को संबोधित करते हुए अवनीश भटनागर नेआगे कहा कि हम सभी जानते ही हैं कि गत दो वर्षों से विश्व कोविड काल के बुरे प्रभाव से गुजर रहा है | हम सभी इससे उबरने का प्रयास कर रहे हैं। निश्चय ही हमारे बच्चों की शिक्षा एवं उनके स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा है। कोरोना काल के कारण देखने में आता है कि बच्चों का शिक्षा के प्रति रुझान घटा है। हालांकि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण व अधिगम के नए ढंग सीखने को मिले हैं फिर भी इस ओर अधिकाधिक प्रयास करना आवश्यक है जो विद्या भारती कर रही है। बच्चे शारीरिक स्तर पर स्वस्थ लगते हैं परंतु उनकी रोगों से लड़ने की क्षमता घटी है, हड्डियां दुर्बल हुई हैं । विद्या भारती आधारभूत विषयों के अंतर्गत योग व शारीरिक शिक्षा विषयों को लेकर इस और विशेष ध्यान दे रही है तथा विभिन्न कार्यशालाओं एवं खेलों का आयोजन करके बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास कर रही है।

उन्होंने कहा कि विद्या भारती ने वर्ष 2025 तक का अपना लक्ष्य रखा है कि नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020’ को अपनाकर शिक्षा के क्षेत्र में अपने देश की महान विरासत को अपने बच्चों तक पहुंचाएं ताकि उनमें राष्ट्र के प्रति स्वाभिमान व गौरव भावना विकसित हो सके | वे भविष्य में अच्छे नागरिक बनकर विश्व का मार्गदर्शन करने में सक्षम सिद्ध हों । इस हेतु विद्या भारती ने लक्ष्य रखा है- ‘To reach the unreached’ अर्थात समाज के अंतिम व्यक्ति तक संस्कार युक्त शिक्षा पहुंचाना है।
उन्होने बताया कि विषयों को लेकर देश के कोने – कोने से दो सौ शिक्षाविद विचार-विमर्श करने के लिए बैठक में भाग ले रहे हैं। इस बैठक में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक शिक्षा का स्वरूप क्या है व कैसा होना चाहिए ? इस संबंध में वर्तमान व भविष्य की क्या चुनौतियां हैं ? समाज की नौजवान पीढ़ी से क्या अपेक्षाएं हैं ? इन सब विषयों पर विचार-मंथन होगा।

प्रेस कांफ्रेंस में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विजय नड्डा, महामंत्री (तलवाड़ा से) देशराज शर्मा, प्रचार प्रमुख राजेन्द्र कुमार और विद्या भारती पंजाब प्रचार विभाग के संयोजक (रामपुराफूल से) सुनील मलिक उपस्थित रहे |

You May Also Like