निर्माण कार्यों, छिड़काव व सिंचाई के लिए ट्रीटेड पानी का उपयोग हो: ट्रिब्यूनल

*जस्टिस जसबीर सिंह ने कुदरती जल स्रोतों को बचाने पर दिया जोर

*वरियाना कूड़ा डंप पर बायो माइनिंग प्रोजैक्ट अगले महीने से शुरू होगा 

                      जालन्धर/ मेट्रो ब्यूरो

नैशनल ग्रीन ट्रब्यूनल की निगरान कमेटी ने आज अध्यक्ष जस्टिस (सेवामुक्त) जसबीर सिंह की अध्यक्षता में चल रही योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने नगर निगम जालन्धर और अन्य शहरी स्थानीय निकायों अधिकारियों को जिले में निर्माण कार्यों के लिए शोध किए पानी का उपयोग करने के निर्देश दिए।

स्थानीय जिला प्रशासकीय परिसर में बैठक की अध्यक्षता करते हुए जस्टिस जसबीर सिंह ने कहा कि निर्माण कार्यों में जमीन निचले पानी के प्रयोग पर पाबंदी है। उन्होंने निर्माण कार्यों के लिए शोध किए पानी पानी की आपूर्ति की संभावना तलाशने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि मूल्यवान प्राकृतिक संसाधनों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के लिए उचित मूल्य पर शोध जल उपलब्ध करवाने से न केवल हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भूजल को संरक्षित करने में मदद मिलेगी बल्कि नगर निगमों/परिषदों के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

गिरते जलस्तर पर चिंता जताते हुए जस्टिस जसबीर सिंह ने कहा कि पंजाब के ज्यादातर ब्लॉक पहले से ही डार्क जोन की श्रेणी में है जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से भूजल बचाने की गंभीर चुनौतियों से निपटने के अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ने को कहा।

समिति के अध्यक्ष सहित राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल, पूर्व मुख्य सचिव एस.सी. अग्रवाल व बाबू राम और डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने कहा कि सड़कों की सफाई से पहले छिड़काव के लिए उपचारित पानी का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जिससे वायु प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि उपचारित पानी का उपयोग सिंचाई के लिए भी किया जा सकता है और संबंधित विभागों को इस संबंध में किसानों को प्रेरित करने के लिए एक जोरदार अभियान शुरू करना चाहिए।

नगर निगम के अधिकारियों ने वरियाणाप साइट की सफाई का जिक्र करते हुए समिति को बताया कि 32.11 करोड़ रुपये की लागत वाला बायो माइनिंग प्रोजैक्ट अगले महीने से शुरू हो जाएगा, जिससे दो साल में साइट पर लगभग 8 लाख मीट्रिक टन कचरा साफ हो जाएगा.

समिति के अध्यक्ष ने ठोस अवशेष प्रबंधन योजनाओं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी), सोर्स सेग्रीगेशन और अन्य कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों को समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट टैंडरिग से लेकर लागू होने की तारीख और प्रत्येक प्रोजैक्ट के पूरा होने तक की समय सीमा का जिक्र करने के लिए भी कहा और कहा कि समिति इन योजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिए साइटों का दौरा करेगी।

राज्य सभा सदस्य और समिति सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने भी कहा कि अधिकारियों को ऐसी योजनाओं को समय पर पूरा करने को पहल देनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को बढिया वातावरण प्रदान किया जा सके।

इस दौरान घनश्याम थोरी ने बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को जनहित में निर्धारित कार्यों को निशचित समय में पूरा करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर ज्वाईंट कमिशनर आफ पुलिस श्री नवनीत सिंह बैंस, अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (विकास) श्री वीरेंद्र पाल सिंह बाजवा, एस.पी. (एच) श्री मनप्रीत सिंह ढिल्लों, सिविल सर्जन डा. रमन कुमार आदि उपस्थित थे।

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