पठानकोट/मैट्रो नेटवर्क
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पठानकोट फतेह रैली दौरान कहा कि हम अपने गुरुओं व संतों की वाणी पर चलकर ही 21वीं सदी का नवां पंजाब बनाएंगे। हम हंसता पंजाब, बसदा पंजाब, नचदा पंजाब, चडदा पंजाब बनाएंगे। मोदी ने कहा कि लोगों का हौसला और जोश 20 तारीख को भाजपा और एनडीए की जीत तय कर देगा। पीएम ने लोगों से कहा कि आपके दमखम में मुझे विजयी नजर आ रही है।
यह धरती हरमंदिर साहिब और करतारपुर की है। पंजाब की धरती से सभी गुरुओं को नमन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि आज संत रविदास जी की जयंती है। यहां आने से पहले मैं दिल्ली में गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर से आशीर्वाद लेकर आया हूं। पंजाब से बड़ी संख्या में लाखों श्रद्धालु उनकी जन्मस्थली बनारस गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पंजाब के श्रद्धालुओं के लिए जितना मैं और योगी जी कर सकते थे, वह किया है। रेलवे ने दो विशेष ट्रेनें भी चलाई हैं।
बनारस के सांसद के नाते यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं आपकी सेवा करूं। आपको जरूरी सुविधाएं मिले। काशी में संत रविदास मंदिर में हमने बहुत बड़ा लंगर हाल श्रद्धालुओं को समर्पित किया। पीएम मोदी ने सभी लोगों को संत रविदास जी की जयंती की अनेक-अनेक शुभकामनाएं दी। उन्होंने वाल्मीकि समाज के संतों को भी नमन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पठानकोट रैली में संत रविदास जी के एक दोहे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी ने कहा था कि ‘ऐसा चाहूं राज मैं, मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न’। सबका साथ-सबका का विकास मंत्र लेकर चल रही भाजपा भी संत रविदास जी के शब्दों से प्रेरणा लेती है। गरीब का कल्याण ही हमारे लिए सर्वोपरि है।
पूरी दुनिया में 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई है। मगर भाजपा सरकार ने संत रविदास जी की भावना को प्राथमिकता दी। दुनिया के बड़े-बड़े देशों में गरीबों को हर प्रकार और खाने-पीने की दिक्कत आ रही है। इस महामारी काल में भारत करोड़ों देशवासियों को मुफ्त में राशन उपलब्ध करा रहा है। यह काम करना मेरे लिए पवित्र सेवा का कार्य था। पंजाब में भी लाखों लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराया जा रहा है।
रैली दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि पंजाब और देश की शान के खिलाफ क्या-क्या कुकृत्य नहीं किए।
इसी पठानकोट पर जब पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया था, तब देश उस संवेदनशील मौके पर एकजुट था। लेकिन, कांग्रेस के नेताओं ने सैन्य शौर्य के खिलाफ सवाल उठाए थे या नहीं उठाए थे? हमारी सेना पर शक किया था या नहीं किया था? शहीदों की शहादत पर कीचड़ उछालने का पाप किया था या नहीं किया था? पुलवामा के हमले की बरसी पर भी कांग्रेस के लोग अपनी पाप लीला को बंद नहीं कर पाए। वो सेना की बहादुरी का फिर से सबूत मांगने लग गए हैं। क्या पंजाब जैसे सवेदनशील और सीमावर्ती राज्य की सुरक्षा ऐसे लोगों को दे सकते हैं क्या? इन्हें मौका मिल गया तो ये पंजाब की सुरक्षा को खतरे में डालने से नहीं चुकेंगे। 20 फरवरी को पंजाब की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वोट देना है।