एलपीयू के तीन विद्यार्थियों ने किया वर्ल्ड स्किल्स कम्पटीशन शंघाई के लिए क्वालीफाई

जालन्धर/मैट्रो सेवा

भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने देश भर से स्किल्स -आधारित प्रतिभा का पता लगाने के लिए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर ‘इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता-2022’ का आयोजन किया था। इसके लिए 2 लाख 50 हजार विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पहुंचने और जीतने के लिए पंजीकरण कराया था। सभी प्रतिस्पर्धियों के बीच अपनी योग्यता साबित करते हुए, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) के इंजीनियरिंग स्ट्रीम्स के तीन विद्यार्थियों ने शंघाई (चीन) में आयोजित होने वाली 46वीं वल्र्ड स्किल्स कम्पटीशन -2022 तक पहुंच बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर क्वालीफाई किया है। ‘स्किल्स के ओलंपिक’ के रूप में जाना जाने वाला यह सबसे बड़ा शिक्षा और कौशल युक्त कार्यक्रम वैश्विक उद्योग के बेंचमार्क को दर्शाता है।

एलपीयू के तीन क्वालीफाइंग विद्यार्थियों में रजत पदक विजेता तृतीय वर्ष बी टेक इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के छात्र पंकज जी शामिल हैं, जो बैंगलोर के रहने वाले हैं। अन्य दो कांस्य पदक विजेता भी तृतीय वर्ष के बी टेक छात्र हैं- सिविल इंजीनियरिंग के मध्य प्रदेश से गगन बिसेन और, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के तमिलनाडु से लोगेश बी। उन्होंने क्रमवार इंडस्ट्री 4.0 वाल एंड फ्लोर टाइलिंग और, आईटी नेटवर्क सिस्टम के लिए राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी आयोजनों में पदक जीते हैं। एलपीयू के ये छात्र अब भारत को वल्र्ड की स्किल्स कैपिटल बनाने के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण पर खरे उतरने को तैयार हैं।

कुल मिलाकर, इस वर्ष ‘इंडियास्किल्स’ के 270 विजेता अब चीन में 12 से 17 अक्तूबर, 2022 तक होने वाली पांच दिवसीय ‘वल्र्ड स्किल्स’ प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अंतिम चयन के लिए कठोर प्रशिक्षण से गुजरेंगे। चीन में इस अंतरर्राष्ट्रीय आयोजन में, 83 देशों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1,400 से अधिक युवा प्रोफेशनल्स 60 कौशल में प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक साथ आएंगे। यह कार्यक्रम शंघाई के नेशनल एग्जिबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में होगा।

प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को बधाई देते हुए, एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल ने कम्पटीशन में जीतने के प्रति जुनून और दृढ़ता को अपनाने के लिए उनकी सराहना की। मित्तल ने यह भी साझा किया। हमने हमेशा व्यावहारिक कौशल-आधारित शिक्षा और व्यावहारिक अभ्यास प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है। इस तरह की प्रतियोगिताएं वास्तव में विद्यार्थियों के जीवन में कौशल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाती हैं जो उन्हें भविष्य में जॉब्स और चुनौतियों के लिए तैयार करती हैं।

अब, सरकार, उद्योग और संबंधित विशेषज्ञ यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे कि क्या ऐसे विद्यार्थियों की ‘टीम इंडिया’ विश्व कौशल अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए वांछित प्रशिक्षण और उपकरणों से सुसज्जित है या नहीं। एलपीयू के ये तीनों विद्यार्थी अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा के शुरू होने तक अपने कौशल को और निखारेंगे और अंतत: अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत हासिल कर भारत और एलपीयू को गौरवान्वित करेंगे ।

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