Kapurthala/इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के जरिए विज्ञान का संचार समय की अहम जरुरत

मेट्रो ब्यूरो
स्थानीय पुष्पा गुजराल साइंस सिटी ने विज्ञान प्रसार से मिल कर विज्ञान पत्रकारी पर विषय “प्रिंट से डिजीटल’ पर आज राष्ट्रीय वेबिनार करवाया ।


इस वेबिनार में विज्ञान प्रसार दिल्ली के डायरेक्टर डा.नकुल पराशर मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुए। वेबिनार में पत्रकारी विषय से जुड़े भारत के अलग-अलग कालेजों व यूनिर्वसिटियों के सौ से अधिक अध्यापकों व विद्यार्थियों ने भाग लिया। वेबिनार को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि डा.नकुल पराशर ने कहा कि इस वेबिनार का उद्देश्य उभर रहे पत्रकारों के हुनर को निखारने व विज्ञान संचार में प्रोफेशनलिज्म विकसित करने के लिए एक प्लेट फार्म मुहैया करवाना है।
डा.नकुल ने कहा कि विज्ञान के प्रसार में हो रही बेतहाशा तरक्की, विकास व डिजीटल मीडिया का लाभ समाज उठा रहा है। वैज्ञानिक सोच के चलते ही आज लोग भ्रमों व सामाजिक बुराईयों से निकल कर कोविड-19 जैसी महामारी समेत अन्य कुदरती आपदाओं से लड़ने के योग्य हुए है। ऐसी घटनाओं ने ही उन्हें भरोसेयोग्य स्वै विश्वासी बनाया है। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के जरिए विज्ञान का संचार समय की अहम जरुरत है।


वेबिनार दौरान पत्रकारी विषय से जुड़े विद्यार्थियों व अध्यापकों का स्वागत करते हुए साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा.नीलिमा जेरथ ने कहा कि गुणात्मक व गिणात्मिक स्तर पर विज्ञानिक पत्रकारी का भारत में धीरे धीरे विकास हो रहा है। सार्वजनिक हितों को ध्यान में रखते हुए यह देखा जाता है कि विज्ञान संचार अधीन कैसे व किस तरह के ज्ञान का प्रसार साधारण लोगों में किया जाता है। गत वर्षों दौरान बहुत से विज्ञानिक रसालों, सोशल मीडिया फीचर सेवाओं, रेडियो व टीवी प्रोग्रामों के चलते इस क्षेत्र में बेतहाशा तरक्की हुई है। इसलिए विज्ञान संचार के क्षेत्र में पत्रकार व संचारक में डिजीटल मीडिया के हुनर की अधिक जरुरत है।


वेबीनार में विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक डा.रिंटू नाथ ने पत्रकारी के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैज्ञानिक पहलुओं का प्रिंट, डिजीटल, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के जरिए प्रसारण बड़े स्तर पर होना चाहिए और विज्ञान प्रसार इस और निरंतर प्रयत्नशील है। अब समय यह सोचने व समझने का है कि लोगों का सही व अनुकूल जानकारी से सशक्तिकरण कैसे किया जाए। इस तरह करने से हम ऐसे समाज की दृढ़ स्थापना की और बढ़ सकेंगे जहां हर कोई तर्क व व ढंग से काम करेगा।


अमेरिका स्थायी ऊर्जा की प्रमुख व ओकिडेंटल पैट्रोलियम कार्पोंरेशन की संचार विश्लेषक कैथरियन टूचैली ने डिजीटल दुनिया में विज्ञान के संचार विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि दुनिया के पिछड़े व दूर दराज इलाकों में रहने वाले लोगों तक असरदार संदेश डिजीटल माध्यम के जरिए ही पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने डिजीटल संचार के आधुनिक तरीकों पर चर्चा करते हुए बताया कि आर्टीफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) तथ्य अर्थात विषय वस्तु बदलने से कैसे अहम भूमिका निभाता है।


इस दौरान प्रिंट से स्क्रीन संचार माध्यमों में आए परिवर्तन के विषय पर विचार चर्चा भी करवाई गई। जिसमें बंगला देश की एसडीजी एजुकेटर निशात नियाला ने भाग लेते हुए बताया कि पत्रकारी के कंप्यूटरीकरण ने कैसे बंगलादेश के लोगों की जिंदगी में सुधार लेकर आया है।

अमरीका के अस्टिन में स्थित टेक्सास यूनिर्वसिटी के विद्यार्थी रहे प्रसिद्ध संचार माहिर डस्टिन विंजल ने कहा कि यह प्रमाणिक तथ्य है। डिजीटल मीडिया के समानांतर और कोई ऐसा जन संचार माध्यम नहीं है जो दुनिया के दूरदराज व पिछड़े इलाकों तक सही व प्रभावशाली ढंग से संदेश पहुंचा सके। उन्होंने वेज्ञानिक संचार की खबरें लिखने व डिजीटल मीडिया के अलग-अलग स्थानों बारे भी चर्चा की।
विचार चर्चा का संचालन साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा.नीलिमा जेरथ ने किया। विचार चर्चा के अंत में यह तथ्य सामने आए है कि विज्ञान के संचार में बहुत तबदीलियां रही है और अधिक से अधिक लोग वेज्ञानिक विचार सांझा करने के लिए प्रिंट मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया व डिजीटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल बड़ी तेजी से कर रहे है।
इस मौके 75वें आजादी दिवस को समर्पिंत स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव अधीन लेखन मुकाबले भी करवाए गए। इस ऑनलाइन प्रोग्राम के अधीन 200 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। जिनमें सबसे बढ़िया चुने गए 5 विद्यार्थियों में सरकारी इंटरग्रेटिंग मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल पंचकूला की श्रुति सार्थक, बरनाला के बोहटाना सरकारी हाई स्कूल के गुरजसवीर सिंह वड़ैच, उच्ची बस्सी मुकेरिया के आर्मी पब्लिक स्कूल के युवराज सिंह, सैंट सोल्जर पबिल्क स्कूल जालंधर के धर्मप्रीत व फिरोजपुर के सरकारी स्कूल के गुरदीप सिंह शामिल है।

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