जब भी समय मिले, हमें लिखते रहना चाहिये और उन शब्दों को एक माला में पिरो कर मंच जरूर प्रदान करना चाहिये: शिल्पी बेक्टा

*युवाओं को भारतीय संस्कृति का ज्ञान होना आवश्यक अश्वनी धीमान*

                  भरवाई(ऊना)/संवाददाता

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् इकाई जिला ऊना ने बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर विश्राम गृह भारवाईं में जिला स्तरीय काव्य संगोष्ठी का आयोजन प्रदेश अध्यक्ष डॉ रीता सिंह जी के निर्देशन में किया ।

इस काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकार एवं उपमंडल अधिकारी नागरिक देहरा श्रीमती शिल्पी बेक्टा और प्रेसिडेंट होटल चिंतपूर्णी से श्री रवि प्रकाश कालिया, विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम अध्यक्ष अश्विनी कुमार धीमान, कार्यक्रम संयोजक अखिल भारतीय साहित्य परिषद् जिला ऊना के अध्यक्ष डॉ शिवकुमार, वरिष्ठ साहित्यकार श्री कुंदन लाल भारद्वाज जी, विशिष्ट आती हेड कॉन्स्टेबल सुनील ठाकुर, आपदा प्रबंधन टीम भरवाईं से श्री संदीप कुमार, चिंतपूर्णी विकास समिति से श्री मनोज कौशिक रहे।

काव्य गोष्ठी की शुरुआत आज के दिन पुलवामा में राष्ट्र हित के लिए प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों और हिमाचल प्रदेश के सम्मानित उपमुख्यमंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री की धर्मपत्नी के आकस्मिक निधन पर मौन रखकर की।

इस अवसर पर अनेक कवियों साहित्यकारों लेखकों के द्वारा बसन्त पंचमी एवं माँ सरस्वती जी के प्राकटोत्सव पर अपनी अपनी कविताएं गीत व काव्य पाठ और लेख प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष श्री अश्विनी कुमार धीमान ने भारतीय संस्कृति की माता और उसके वर्तमान परिपेक्ष में प्रासंगिकता की ओर पर विचार रखे ।उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कारों से अवगत होना बहुत जरूरी है। पाश्चात्य संस्कृति के अंधा अनुकरण में हम अपने नैतिक मूल्य और मानवीय संवेदनाओं को निरंतर खोते जा रहे हैं, इन सभी के लिए पुनः भारतीय संस्कृति का अनुकरण करना अति आवश्यक है। जिसके लिए अखिल भारतीय साहित्य परिषद् विश्व स्तर पर कार्यरत है।

इस अवसर पर मुख्यातिथि महोदया ने कहा कि हमारी संस्कृति को सहेजने के लिए काव्य गोष्ठी एक महत्वपूर्ण मंच है, इसके लिए आयोजक बधाई के पात्र हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब भी समय मिले, हमें लिखते रहना चाहिये और उन शब्दों को एक माला में पिरो कर मंच जरूर प्रदान करना चाहिये। उन्होंने स्वलिखित मैं ‘भारत को जीता हूँ’ शीर्षक पर कविता भी सुनाई

काव्य संगोष्ठी में राजेश ठाकुर, सुमित कुमार, राजेंद्र कुमार राठौर, कविता, शीतल , सुरूचि चौहान, वकील सिंह, रानी देवी, अश्विनी कुमार, सुनील ठाकुर, शिव कुमार, ओम प्रकाश, अंजू सोनी, अदिति आदि ने अपनी कविताओं के माध्यम से बसंत पंचमी के अवसर पर माँ सरस्वती जी को श्रदासुमन अर्पित किए।

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