* विश्व प्रसिद्ध कलरबार कॉस्मेटिक्स द्वारा एलपीयू के फैशन के विद्यार्थियों की रचनाओं की रंगीन झलक इसकी शीर्ष फैशन पत्रिका ‘ट्रेंड टॉक’ में शुद्ध टिकाऊ फैशन के रूप में प्रकाशित की गई हैं
* एलपीयू के फैशन स्कूल के बी डिजाइन और एम डिजाइन कार्यक्रमों के छह विद्यार्थियों को उनके पहनावे के साथ स्पष्ट रूप से कवर किया गया है
* इनोवेटिव विद्यार्थियों को नैतिक, पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ फैशन बनाने में अपने अद्वितीय दृष्टिकोण का प्रदर्शन करने के लिए कवर किया गया
जालन्धर/मैट्रो नेटवर्क
विश्व प्रसिद्ध ‘कलरबार कॉस्मेटिक्स’ की शीर्ष फैशन पत्रिका ‘ट्रेंड टॉक’ ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) में स्कूल ऑफ फैशन के बी डिजाइन एंड एम डिजाइन कार्यक्रमों के छह विद्यार्थियों को ‘आगामी फैशन आइकॉन’ घोषित किया है। इन सभी विद्यार्थियों को इस पत्रिका के खंड-7 में चार पृष्ठों- 11 से 14 तक, उनके रंगीन पहनावे के चित्रों के साथ स्पष्ट रूप से कवर किया गया है। इन इनोवेटिव विद्यार्थियों को नैतिक, पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ फैशन बनाने में अपने अद्वितीय दृष्टिकोण का प्रदर्शन करने के लिए कवर किया गया है।
एलपीयू के चांसलर अशोक मित्तल ने इन विद्यार्थियों को ‘सस्टेनेबिलिटी’ पर उनके शोध कार्य के लिए बधाई दी, और इसका महामारी के दिनों में भी एक अविश्वसनीय रूप से प्रतिष्ठित प्रदर्शन के रूप में उल्लेख किया।
पत्रिका की संपादक रमीला थिंगबैजम साझा करती हैं हाल के वर्षों में स्थिरता की अवधारणा पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है। दुनिया में अधिकांश लोग एक बेहतर दुनिया में रहना चाहते हैं और इसे दूसरों के लिए भी एक बेहतर जगह के रूप में छोडऩा चाहते हैं। फैशन में भी, यह सभी पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और कल उपयोग किए जाने वाले प्राकृतिक भंडार को कम किए बिना हमारी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता के रूप में है।
बी.डिजाइन (फैशन) के विद्यार्थियों , आदर्श कोंचंदा और लवकेश द्वारा डिजाइन किए गए पहनावे के बारे में बताते हुए, इसे परमात्मा के अपने केरल राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के उत्साह का जश्न मनान के रूप में कहा गया है। यह 800 साल पुरानी रहस्यवादी कला-‘थेय्यम’ से प्रेरित है। इन विद्यार्थियों ने हाथ की कढ़ाई वाले फूलों के रूपांकनों के साथ एलोवेरा के कपड़े से बनी ‘मिडी’ पोशाक बनाई है। साथ ही, हाथ से कढ़ाई वाले ‘थेय्यम’ कल्चरल फेस मास्क के साथ रिसाइकिल डेनिम से बना एक सिला हुआ जैकेट भी शामिल है।
पत्रिका में वर्णित अन्य दो पहनावे हैं ‘कंट्रीसाइड लिविंग’ और ‘रिवील’ जो एम डिजाइन फैशन के विद्यार्थियों हर्षिता रॉय, लवलीन कौर, प्रतिभा सैनी और शोभित शर्मा द्वारा बनाये गए हैं। पहला संग्रह ग्रामीण इलाकों के जीवन के आकर्षण का जश्न मनाता है, जहां प्राकृतिक रंगाई तकनीकों का पता लगाया जाता है। यहां, री-साइक्लेबल विस्कोस कपास का उपयोग किया जाता है। ‘रिवील’ पहनावा एक री-साइक्लेबल पॉलिएस्टर पर्दे पर पुरानी एक्स-रे फिल्मों का उपयोग करके नवीन सतहों को गढऩे के लिए एक रचनात्मक दृष्टिकोण को अपनाना है।
एलपीयू के बी डिजाइन के छात्र मनीष टी आर ने एलपीयू बी डिजाइन की ही तेनजिन मॉडल की सहायता से कलेक्शंस की तस्वीरें भी ली हैं। इन सभी को स्कूल में सहायक प्रोफेसर आकाश राठौर द्वारा एचओडी, डीन प्रोफेसर भास्कर मित्रा के मार्गदर्शन में सलाह दी गई थी। यहां, पूरा प्रयास अभिनव उत्पादों, साथ ही पर्यावरण के अनुकूल और पुन: प्रयोज्य चीजों का उपयोग करके ‘शुद्ध टिकाऊ फैशन’ बनाना रहा है।