अब एक और रिश्तेदार मुख्यमंत्री चन्नी से हुए नाराज

चंडीगढ़/मैट्रो नेटवर्क

पंजाब के विधानसभा चुनाव नजदीक आते-आते राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले उनके छोटे भाई डॉ मनोहर सिंह ने कांग्रेस के खिलाफ बगावत का झंडा उठा लिया। अब उनके एक और करीबी रिश्तेदार नाराज हो गए हैं।

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, तीन बार विधायक रहे पूर्व मंत्री मोहिंदर सिंह केपी ने टिकट न मिलने पर कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। हालांकि अभी यह तय करना है कि किस सीट से चुनाव लड़ा जाए। चुनाव लडऩे का फैसला समर्थकों की सलाह लेने के बाद लिया जाएगा।

केपी, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के रिश्तेदार हैं। उनकी उम्मीदवारी का भी उन्होंने पुरजोर समर्थन किया था। उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता दर्शन सिंह केपी के समय से हमारे परिवार ने 1967 से सभी विधानसभा चुनाव लड़े हैं। मुझे इसमें कोई विराम नहीं चाहिए। बताया जाता कि केपी ने आज, सोमवार को सुबह 11 बजे अपने समर्थक कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। इसमें वे आगे का फैसला कर सकते हैं।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चन्नी के भाई डॉक्टर मनोहर सिंह ने हाल ही हमें कांग्रेस से बगावत की है। राजनीति में आने के लिए वह सरकारी नौकरी छोड़ चुके हैं। उन्होंने बस्सी पठाना निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडऩे का फैसला किया है। इस सीट से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को टिकट दिया है।

कांग्रेस में कुछ समय पहले ही शामिल हुए सुखविंदर सिंह कोटली को आदमपुर से टिकट दिया गया है। यहां से 2017 के विधानसभा चुनाव में केपी उम्मीदवार थे, जो शिरोमणि अकाली दल के पवन कुमार टीनू से हार गए थे। इस बार केपी अपने मूल निर्वाचन क्षेत्र जालंधर पश्चिम से टिकट की मांग कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस वहां से मौजूदा विधायक सुशील रिंकू को ही टिकट दे रही है। बस इसी से केपी ने बगावत का रास्ता चुन लिया।

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