Deharadoon/ कैप्टन की अगवाई में ही अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस: रावत

*बागी विधायकों , मंत्रियों से मुलाकात के पहले पंजाब कांग्रेस के केंद्रीय प्रभारी की दो टूक

* सलाहकारों के बयान सिद्धू को पड़ सकते है बहुत महंगे

* बैकफुट पर करनी पड़ सकती है बैटिंग

                 देहरादून/ मेट्रो नेटवर्क ब्यूरो

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग लेकर यहाँ पहुंचे पंजाब के बागी कांगेसी विधायको और अमरिन्दर मंत्रिमंडल के मंत्रियों से यहाँ मुलाकात से पहले पंजाब में कांग्रेस के केंद्रीय प्रभारी हरीश रावत अपने तेवर स्पष्ट कर दिए है और कहा है कि पंजाब विधानसभा का अगला चुनाव अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। हालांकि उनका कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और मुख्यमंत्री में कोई मतभेद नही है। सिद्धू खेमे के माने जाते बागी विधायक और मंत्री बीती रात से ही कड़ी सुरक्षा में यहाँ पहुंचे हैं

उधर पता चला है कि सिद्धू द्वारा नियुक्त किये गए सलाहकारों में से मालविंदर सिंह माली के कश्मीर और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चित्र वाले एक मैगजीन के मुख्य पृष्ठ को सोशल मीडिया पर सांझा किये जाने से कांग्रेस आलाकमान बहुत परेशान है और सिद्धू की प्रधान पद पर नियुक्ति करके सकते में है। सूत्र बता रहे है कि इस वजह से सिद्धू को बैकफुट पर जाना पड़ सकता है हालांकि सिद्धू भी अपने सलाहकार के बयान से संतुष्ट नही दिख रहे। जबकि केप्टन खेमा इन पर एफ आई आर दर्ज करने की मांग पर अड़ा है।

सिद्धू को प्रधान बनाने के तुरंत बाद से पंजाब में कांग्रेस का भीतरी संकट बढ़ जाने से आलाकमान की स्थिति सर मुंडाते ही ओले पड़ने जैसी हो गई। कैप्टन के दबाव से मुक्त होने के फैसले के तहत सिद्धू की नियुक्ति के बाद सलाहकारो के बयान से उलटा दबाव बढ़ गया है।

यहाँ पहुंचे मंत्रियों तृप्त तजिंदर सिंह बाजवा, सुख सरकारिया , सुखजिंदर रंधावा, चरणजीत चन्नी  के साथ तीन विधायक भी हैं। वैसे कैप्टन को हटाने की मांग की भनक लगते ही इस बागी समूह के 7 विधायक स्थिति भांपते ही कैप्टन खेमे में लौट गए थे और उन्होंने कहा था कि उनके नाम उन्हें अंधेरे में रख कर लिए गए है और वह इन लोगों के साथ नही है।

दरअसल इन बागी मंत्रियों ने यह कदम कैप्टन द्वारा मंत्रिमंडल फेरबदल में इन्हें हटाये जाने की खबर मिलते ही उठाया है। ये सिद्धू के साथ बताए जा रहे है और केप्टन खेमा इस वजह से इनसे नाराज है।

 

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