*जालन्धर से दिल्ली एयरपोर्ट वॉल्वो बस सेवा का शुभारंभ किया केजरीवाल और मान ने दिखाई हरी झंडी
* रोज चलें गी पांच बसें, पूरे पंजाब से 55
*कहा, माफिया की मनोपली खत्म कर दी
* जिन्ना किराया इक पासे दा लैंदे रहे ओने च आणा जाणा होउ
*निजी ट्रांसपोर्टरों ने दिखाए काले झंडे
जालन्धर/मेट्रो न्यूज़ नेटवर्क
आम आदमी पार्टी के मुखिया,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हरी झंडी देने से आज पंजाब सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग शुरु की गई जालन्धर-दिल्ली एयरपोर्ट बस सर्विस को 2018 में केजरीवाल की ही सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने बाधित कर दिया था। हालांकि उस समय भी पंजाब के एक बड़े राजनीतिक घराने से जुड़ी एक मात्र इस सेवा को बाधित नहीं किया गया था लेकिन पंजाब सरकार की इस रूट की बसों को इमबाउंड कर लिया था । उस समय दोनों बसों सरकारी और गैर सरकारी के किराए में जमीन आसमान का अंतर था।
लगभग साढ़े चार साल पहले नवम्बर 2018 में दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने पंजाब के सरकारी परिवहन संस्थानों पंजाब रोडवेज और पेप्सू रॉड ट्रांसपोर्ट की जालन्धर से दिल्ली एयरपोर्ट रुट की 5 बसें इमबाउंड कर ली थी। इज़के बाद पंजाब सरकार के कई अधिकारी इस विषय को सुलझाने के लिए केजरीवाल की सरकार के दरबार में गये लेकिन यह मुद्दा अनसुलझा ही रहा। हालांकि इस दौरान पंजाब से उक्त रुट पर उक्त राजनैतिक परिवार से जुड़ी कम्पनी का एक छत्र वर्चस्व बना रहा।
इसके बाद जब राजा वड़िंग पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री बने तो गत वर्ष उन्होंने दिल्ली सरकार के समक्ष यह सवाल खड़ा किया कि सरकार और निजी क्षेत्र के बीच इस पक्षपात की वजह क्या है?
दरसअल पंजाब सरकार ने सूबे के NRI बहुल दोआबा क्षेत्र के अनिवासी भारतीयों की सुविधा के लिए यह बस सर्विस 2006 में तब शुरू की थी जब केप्टन अमरिन्दर सिंह मुख्यमंत्री थे। 2012 में प्रकाश सिंह बादल के मुख्यमंत्रित्व काल में यह सेवा बंद कर दी गई। इसके तीन साल बाद यह बस सेवा राजनीतिक दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की आलोचनाओं के बीच चुपके से शुरु कर गई। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और उनके क़रीबियों की सांझे स्वामित्व वाली INDO CANADIAN TRANSPORT COMPANY की का इस रूट पर एक छत्र वर्चस्व रहा। 2017 में कैप्टन अमरिंदर के सत्ता में लौटते ही अधिकारियों ने इस रूट पर सेवा और व्यवसाय बढ़ाने पर कार्य शुरु किया व 2018 में केजरीवाल की सरकार के पंजाब की 5 बसों को इमबाउंड करने से पहले इस रूट पर पंजाब रोडवेज और पेप्सु रॉड ट्रांसपोर्ट की 15 बसें दौड़ रही थी।
गौरतलब है कि PUNJAB RODWAYS और PRTC की बसों और INDO -CANADIEN TRANSPORT COMPANY की बसों के किराए में 1/2या 1/3 तक का अंतर था। इसलिए NRI यात्री सरकारी बस को पहल देते थे। विभागीय सूत्रों के अनुसार उस समय सरकार की इन दोनों कम्पनियों को एक करोड़ रुपये मासिक का शुद्ध लाभ मिल रहा था। बसें इमबाउंड करने का केजरीवाल सरकार के परिवहन अधिकारियों का तर्क था कि इन बसों के पास स्टेज करियर का परमिट है इसलिए वह बस को एयरपोर्ट तक नही ले सकते सिर्फ ISBT नई दिल्ली तक ही ले सकते हैं। जब कि निजी कंपनियों को एयरपोर्ट तक जाने की छूट का तर्क।केजरीवाल सरकार के अधिकारी यह देते है कि उनके पास टूरिस्ट परमिट है।
आधिकारिक सूत्रों से जानकारी मिली है कि यह बसें अब भी स्टेज परमिट पर पहले की तरह जाएंगी लेकिन अब यह hi बिना रोक टोक IGI AIRPORT TERMINAL 3 पर जाएंगी। इसके लिए केजरीवाल सरकार ने तमाम अड़चनें दूर कर दी है और जरूरी अधिसूचनाएं भी जारी कर दी गई हैं।
आज यहाँ जालन्धर अंतरराज्जीय बस अड्डे पर उक्त रुट की दो वोल्वो बसों को हरी झंडी दिखाने से पूर्व दोनों मुख्यमंत्रियों ने परिसर में स्थित शहीद ए आज़म भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प मालाएं चढ़ाई।
इस अवसर पर केजरीवाल ने कहा कि हम अपनी दी हर गारंटी पूरी करेंगे। उन्होंने ने कहा कि आज हमने नया इतिहास रच कर ट्रांसपोर्ट माफिया की कमर तोड़ दी और वर्चस्व खत्म किया है।
मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान ने कहा कि अकेले जालन्धर से दिल्ली एयरपोर्ट तक रोजाना 5 बसें चलेंगी और पूरे पंजाब में इनके 55 टाइम होंगे। मान ने कहा कि इससे एन आर आई और अन्य विदेश जाने वाले पंजाबियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि जितने किराए में पहले निजी बस से एक तरफ की यात्रा होती थी अब उतने से जाना और आना भी हो जाएगा। अमृतसर से इस बस का एयरपोर्ट तक किराया 1395/- रुपये और जालन्धर से 1170/-रुपये रखा गया है और अन्य सुविधाएं दी गई हैं। इन बसों की टिकट ऑनलाइन भी बुक की जा सकेगी और यात्रा रद्द या बदलाव की स्थिति में 24 घंटे पूर्व सूचना पर पूरी किराया राशि वापिस कर दी जाएगी।
गौर हो कि इससे पूर्व इंडो कनाडियन बस कंपनी की जालन्धर से दिल्ली एयरपोर्ट जाने वाली सामान्य बस का किराया 2000/- एकतरफा था।
इस दौरान पंजाब सरकार द्वारा मांगे न माने जाने के रोष स्वरूप निजी ट्रांसपोर्टरों ने मान और केजरीवाल को काले झंडे दिखाये।