नवांशहर/मेट्रो एनकाउंटर ब्यूरो
पर्यावरण प्रेमियों ने स्थानीय चंडीगढ़ रोड स्थित सरकारी स्कूल में की गई दो पेड़ों की हत्या पर दुःख एवं गहरा इतराज व्यक्त किया। इस मौके पर पर्यावरण प्रेमी अश्वनी जोशी , मनोज कण्डा ,अंकुश निझावन , रविश दत्ता , मनोज जगपाल , हतिंदर खन्ना व अन्य ने कहा कि वह इसकी जाँच के लिए जल्दी ही जिला शहीद भगत सिंह नगर के डी सी से मिलेंगे। पर्यावरण प्रेमी अंकुश निझावन ने कहा की भारतीय धर्मशास्त्रों की बात मानें तो एक हरे भरे वृक्ष को काटना किसी मनुष्य की हत्या के बराबर पाप समझा जाता है। संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरणविद सुझाव देने लगे हैं कि हरे वृक्षों की कटाई को हत्या जैसा अपराध घोषित किया जाए।
पर्यावरणविद अश्वनी जोशी के अनुसार करीब-करीब वे सारे काम जो हम रोजाना करते हैं, उन सबसे कार्बन डाई ऑक्साइड (सीओटू) निकलता है।सभी जानते हैं कि सीओटू ग्रीन हाउस गैस के रूप में काम करती और सूर्य की गर्मी को रोक लेती है। आज धरती के तापमान को बढ़ाने में ’ग्रीन हाउस गैस’ ही मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।यह गैस जिस खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है उसे रोकने का कारगर उपाय एक ही है ‘कार्बन-न्यूट्रल’ बनना। इसके लिए जरूरी है कि अपने कार्बन फुटप्रिंट को पूरी तरह से मिटाने की कोशिश की जाए जैसे पेड़ लगाएं, उनकी देखभाल करें ताकि अपने द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड को सोख ले, पर स्कूल में पेड़ काट कर पर्यावरण का भरी नुकसान किया गया है।
इस मोके पर पर्यावरणविद मनोज कण्डा ने कहा कि आज राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवाओं को प्रेरणा देने का दिन था इस दिन पौधारोपण किया जाना चाहिए था जबकि चंडीगढ़ रोड नवांशहर स्थित सरकारी स्कूल के अंदर वृक्षों को काटकर और उनकी हत्या कर के किस प्रकार की प्रेरणा युवाओं को दी गई उन्होंने कहा कि इसकी जिला स्तरीय जांच होनी चाहिए इसके लिए क्या प्रिंसिपल ने किसी प्रकार की परमिशन फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से ली है या नहीं इसकी जाँच होनी चाहिए उन्होंने कहा कि आजकल ऐसे कई प्रकार के तरीके आ गए हैं जिनसे वृक्षों को काटा नहीं जाता बल्कि उनको बचाया जा रहा है। रिलोकेशन विकल्प के होते ऐसे में सरकारी स्कूल में इस प्रकार का घिनौना कृत्य करके स्कूल के प्रशासन ने यह किस प्रकार का संदेश दिया है।