अगर कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार ना होता, कश्मीरी पंडित ना भागते : मोदी

नई दिल्ली/मैट्रो नेटवर्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को संसद के बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘कोरोना काल में देश में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। इस दौरान कई कड़े फैसले भी लिए गए।’ उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अगर कांग्रेस ना होती तो इमरजेंसी का कलंक ना होता। जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाईं इतनी गहरी ना होती। अगर कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार ना होता। अगर कांग्रेस ना होती तो कश्मीर के पंडितों को राज्य ना छोडऩा पड़ता।

विपक्ष के महंगाई के सवालों पर पीएम मोदी ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत 19 देशों में व्याप्त महंगाई की समस्या का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बावजूद हमने देश में महंगाई को रोकने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूपीए के समय में देश में महंगाई डबल डिजिट में थी, उस समय महंगाई चरम पर थी। हमने महंगाई को एक हद तक रोकने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, ‘अलग-अलग मंत्रालयों की पीएलआई स्कीम से देश में मैन्युफैक्चरिंग को बल मिला। भारत अब लीडिंग मोबाइल मैन्युफैक्चरर बन गया है और एक्सपोर्ट में भी उसका योगदान बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसी कोरोना काल काल में 5 करोड़ नल से जल पहुंचाने का कार्य करके एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया गया।

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस ना होती तो इमरजेंसी का कलंक ना होता। जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाईं इतनी गहरी ना होती। अगर कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार ना होता। अगर कांग्रेस ना होती तो कश्मीर के पंडितों को राज्य ना छोडऩा पड़ता।

उन्होंने जब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था तब दिल्ली में बैठी सरकार की ओर मुझपर क्या-क्या जुल्म नहीं किए गए। भारत लोकतंत्र की जननी है। भारत में लोकतंत्र पर बहस सदियों से चलती आ रही है। उन्होंने कहा कांग्रेस की समस्या यह है कि उन्होंने वंशवाद के अलावा कभी कुछ नहीं सोचा।

प्रधानमंत्री ने आगे बोलते हुए कहा कि ‘सदन में कहा गया कि कांग्रेस ने भारत की नींव रखी और भाजपा ने सिर्फ झंडा फहराया। सदन में इसे मजाक की तरह नहीं कहा गया। यह गंभीर सोच का परिणाम है जो देश के लिए खतरनाक है। कुछ लोगों का मानना है कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था। इस सोच के कारण समस्याएं पैदा होती हैं। पिछले 50 वर्षों से काम करने का मौका पाने वालों की नीतियों पर इसका प्रभाव पड़ा है। इसने विकृतियों को जन्म दिया। यह लोकतंत्र आपकी उदारता के कारण नहीं है. 1975 में लोकतंत्र का गला घोंटने वालों को इस पर नहीं बोलना चाहिए।

सिर्फ सुनाना ही नहीं, सुनना भी लोकतंत्र का हिस्सा है। यूपी और तमिलनाडु में डिफेंस कॉरिडोर स्थापित किया जा रहा है। एमओयू साइन हो रहे हैं, एमएसएमई सेक्टर के लोग डिफेंस सेक्टर में आ रहे हैं. यह उत्साहजनक है कि देश के लोगों में क्षमता है और वे इस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे आ रहे हैं।

मोदी ने कहा कि हमने बजट से पहले 64 हजार करोड़ रुपये राज्यों को दिए। कोरोना काल में देश में आयुष मंत्रालय ने अच्छा काम किया, फार्मा उद्योग को सशक्त किया। उन्होंने कहा, ‘हमारे हेल्थकेयर वर्कर्स, हमारे वैज्ञानिकों के कार्य की सराहना करने से भारत की प्रतिभा तो खिलेगी ही, लेकिन इस तरह अपना जीवन खपाने वाले लोगों का भी हौसला बुलंद होगा. इसलिए सदन बड़े गौरव के साथ उनका अभिनंदन करता है। कोरोना काल के दौरान भारत की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना पूरी दुनिया में की गई। देश में आईटी सेक्टर में पिछले कुछ साल में 27 लाख लोगों को रोजगार मिले हैं।

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