Patiala/ आठ घंटे के अघोषित बिजली कट शहरों में कहर बरपाएँगे, अब सिर्फ इंद्रदेव की कृपा ही बचा सकेगी

पटियाला/ विशेष संवाददाता

कहर बरपाती गर्मी(44 डिग्री से भी ऊपर) के बीच पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा शहरी क्षेत्र में शुरू हुए लगभग चार घंटे के अघोषित बिजली कटो के संकट में  अब सिर्फ इंद्र देव ही बचा सकते है लेकिन शुरू में खुशनुमा दिख रही मानसून का मूड़ बदलने से फिलहाल वर्षा की कोई संभावना भी मौसम विज्ञानियों को दिख नही रही।

गर्मी और धान बिजाई के मौसम की कॉर्पोरेशन द्वारा इस बार पूर्व तैयारी न होने से  संकट गहरा रहा है। गांवों में धान बिजाई के दृष्टिग आठ घंटे की बिजली आपूति की डिमांड की वजह से शहरों में बिजली के सुबह दोपहर और रात अघोषित कट लगने से लोग त्राही त्राहि कर उठे है और पहले से लॉक डाउन संकट से चरमरा रहे उद्योग व्यापार की कमर टूटने लगी है।  अब तो लोग आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की उस घोषणा का मजाक उड़ाने लगे है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि सरकार उनकी बनी तो 300 यूनिट बिजली हरेक को मुफ्त दी जाए गी। लोगों का कहना है कि जब बिजली होगी ही नही तो मुफ्त हो या न हो एक ही बात है।

उधर सूबे का तलवंडी साबो थर्मल प्लांट जिसकी क्षमता 600 मेगावाट है गत 6 महीने से बंद पड़ा है और अब राजपुरा प्लांट भी बंद हो गया है। रोपड़ प्लांट वर्षो से नही चल सका और बठिंडा का गुरु नानक थर्मल प्लांट जिस का अकाली भाजपा सरकार ने नवीनीकरण किया था, मौजूदा कांग्रेस सरकार ने सरप्लस बिजली का ढिंढोरा पीटते हुए बंद करके प्लांट की जमीन को बेचने पर लगा दिया है। राज्य में  9 साल बाद फ़िर ऐसे हालात पैदा हुए है कि उत्पादन 250 मेगावाट कम हो गया है और डिमांड 3150 लाख यूनिट तक बढ़ गई है। हालात यह है कि न तो किसानों को और न ही शहरों को बिजली की वांछित आपूर्ति हो रही है। सूत्र बताते है कि इस स्थिति में शहरी क्षेत्रों में आठ घंटे तक के बिजली कट लग सकते हैं।

उधर कारपोरेशन के मुख्य प्रबंध निदेशक ए वेणु प्रसाद ने कहा है कि यह स्थिति सूबे में गर्मी की वजह से 13 हज़ार मेगावाट से भी अधिक मांग ही जाने से उत्पन्न हुई है। उन्होंने भाखड़ा ब्यास मैनजमेंट बोर्ड के चेयरमैन संजय श्री वास्तव से आग्रह किया है कि वह तुरंत बिजली उत्पादन बढ़ाने के उपाय करें।

गौर हो कि सूबे की कांग्रेस नीत पंजाब सरकार  सरप्लस बिजली की निरंतर बीन बजाती आ रही हैं । लोग देश में सबसे महंगी बिजली खरीद रहे है लेकिन अघोषित बिजली कट भी झेल रहे है। ऐसे में लोकचर्चा है कि इस बार विधानसभा चुनाव में मंहगी बिजली बड़ा मुद्दा बनेगी।

 

 

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