* छावनी में आप आगे, सेंट्रल में कांग्रेस प्रत्याशी भारी, नार्थ में कांटे की पंच कोणीय टक्कर, वेस्ट में भाजपा के आंतरिक क्लेश से रिंकू को राहत
जालन्धर/मैट्रो ब्यूरो
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने की प्रक्रिया भले ही आज समाप्त हुई है और चुनाव मैदान में फाइनल उम्मीदवारों की सूची नामाँकन पत्रों की जांच के बाद इन्हें वापिस लेने की तिथि के दिन ही बनेगी। लेकिन चुनावी रणभूमि में पार्टियों के घोषित उम्मीदवारों को लेकर जालन्धर शहर की चार सीटों पर लोकचर्चा जारी है।
हालांकि कोरोना गाइड लाइन्स की वजह से चुनाव, पूर्व चुनावों के विपरीत ढोल धमाकों से अभी तक मुक्त है लेकिन इस बार पंजाब में मुकाबला चौकोणा होने को लेकर मतदाता भी अधिक चौकन्ना है और पार्टी, उसके द्वारा की जा रही घोषणाओं को लेकर प्रत्याशी के व्यक्तित्व तक को आंक रहा है।
मेट्रो ने कई जगह ऐसी लोकचर्चा की सुगबुगाहट चारों विधानसभा क्षेत्रों में जानी। इन चर्चाओं के अनुसार छावनी विधानसभा क्षेत्र में अभी आम आदमी पार्टी सबसे आगे है। दूसरे स्थान पर कांग्रेस और अकाली दल-बसपा गठबंधन व तीसरे पर भाजपा नीत गठबंधन है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी श्री सोढ़ी को लोकचर्चा में लोग इस पार्टी और चेहरे को नए उपलब्ध विकल्प के रूप में लेते दिख रहे हैं। कांग्रेस और अकालीदल-बसपा गठबंधन प्रत्याशी क्रमश: परगट सिंह और जगबीर बरार को अच्छी छवि के बावजूद लोग दल बदलू और आजमाए जा चुके होने की वजह से कमतर पसंद कर रहे है। भाजपा प्रत्याशी सरबजीत मक्कड़ बेशक चुनाव प्रचार में बराबर सक्रिय दिख रहे है लेकिन नुक्कड़ चर्चाओं में उनका नाम मतदाता की जुबान पर आशिंक रूप में ही आता दिखा है।
जालन्धर केंद्रीय में टक्कर चौकोनी होने के बावजूद अधिकतर चर्चा में कांग्रेस के राजिंदर बेरी जो मौजूदा विधायक भी है और भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया अग्रणी दिख रहे है। लेकिन लोगों की जुबान पर ज्यादा नाम बेरी का है। आम आदमी पार्टी का चेहरा अंजान होने और कुछ विवाद उठने की वजह से अकाली बसपा प्रत्याशी चंदन ग्रेवाल के बाद ही उनका नाम लिया जा रहा है।
जालन्धर केंद्रीय में मुकाबला पंच कोणीय है। यहाँ किसान बहुल संयुक्त समाज मोर्चा का भी उल्लेखनीय और परिचित चेहरा प्रत्याशी है। इसके अलावा भाजपा गठबंधन के कृष्ण देव भंडारी, आम आदमी पार्टी के दिनेश ढल्ल और कांग्रेस के बावा हेनरी के अतिरिक्त अकाली दल बसपा का प्रत्याशी है।
यहां यदि संयुक्त समाज मोर्चा कांग्रेस के वोट बैंक के लिये खतरा बताया जा रहा है तो दिनेश ढल्ल की मूल पृष्ठभूमि भी कांग्रेस रही होने की वजह से फायदा भंडारी को मिलने की बात की जा रही है। लोगों का कहना है कि यदि जाति धर्म की बात चली तो ढल्ल, हिन्दू वोट बैंक में भंडारी को नुकसान पहुंचाएंगे जबकि सिक्ख और दलित वोट बैंक की दिशा अनिश्चित होने की वजह से यहाँ कांटे की टक्कर की बात कही जा रही है।
जालन्धर वेस्ट में प्रत्याशी घोषित होने से पूर्व मजबूत दिख रही आम आदमी पार्टी यहाँ तीनों विधानसभाओं की अपेक्षा अधिक कमजोर दिख रही है। आप के दो दावेदारों में से एक के भाजपा में आ जाने से और एक अन्य के भाजपा प्रत्याशी मोहिंदर भगत को समर्थन देने के बावजूद भाजपा की अंदरूनी कड़वाहट कांग्रेस टिकट पर निर्वाचित मौजूदा विधायक सुशील रिंकू को फिलहाल राहत महसूस करवा रही है।