SBS Nagar (Nawanshahar)मुखौटा बदल कर कोई जिम्मेवारी से मुक्त नहीं हो सकता: रजनी कंडा

* भाजपा नेत्री का आप नेता पर तंज,कहा,जब जागने की जरूरत थी तब सोये रहे नेता अब जनता को जगाने निकले हैं

मेट्रो ब्यूरो

85 लाख रुपये की लागत से बनी यहां की रेलवे रोड के 90 दिन (यानी प्रतिदिन एक लाख रुपये) में दम तोड़ने का मामला भाजपा नेत्री रजनी कंडा द्वारा जनता से सांझा करने के बाद सियासी गलियारों में भी गर्मा गया है। इस गर्माहट से सिर्फ अपनी सियासी रोटियां सेंकने वाले व्यक्तियों पर तंज कसते हुए रजनी कंडा ने कहा है कि यह लोग सिर्फ मुखौटे बदल कर अपनी खुद की जिम्मेवारी से मुक्त नही हो सकते इसलिए इस सड़क निर्माण में हुए घपले की विजिलेंस जांच करवा कर इसमें सब पक्षो को शामिल किया जाना चाहिए। भाजपा पंजाब ओबीसी मोर्चा की प्रदेश सचिव रजनी कंडा का कहना है कि जिन लोगों की जिम्मेवारी सड़क निर्माण के समय खुद जागने की थी तब वह सोये रहे और अब वही लोग नए मुखोटे पहन कर जनता को जागने को कह रहे हैं।


आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में भाजपा नेत्री ने कहा कि उनके द्वारा इस सड़क के निर्माण में हुई घपलेबाजी पर जनता का ध्यानाकर्षण करने के बाद आम आदमी पार्टी के हल्का इंचार्ज ललित मोहन पाठक उर्फ़ बल्लू (प्रधान) का आना और धरने की चेतावनी देना मुखौटा बदल बदल कर जिम्मेवारी से मुक्त होने और जनता को मूर्ख बनाने की कुटिल कोशिश से अधिक कुछ नही है। रजनी कंडा ने कहा कि सारा शहर जानता है कि इस सड़क के निर्माण का टेंडर तब हुआ था जब बल्लू कांग्रेस नेता और नगर कौंसिल के प्रधान थे। उन्होंने कहा की अब आम आदमी पार्टी कुछ भी कहे लेकिन इस सड़क के हुए घटिया निर्माण से जुड़ी धांधली के लिए आम आदमी के लोगो को अपने नए जिला इंचार्ज और विधायक अंगद सिंह से पूछना चाहिए की यह रोड आर सी सी की क्यों नहीं बनी।
भाजपा नेत्री ने कहा कि कांग्रेस टिकट पर विधायक बने अंगद सिंह ने नगर कौंसिल चुनाव से पूर्व बल्लू के प्रधान काल वाली नगर कौंसिल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और ऐसा ही पलटवार बल्लू ने अंगद सिंह पर किया था। रजनी कंडा ने कहा कि बल्लू की जिम्मेवारी तो यह बनती है कि वह इस सड़क के निर्माण के टेंडर में तय निर्माण सामग्री की क्वालिटी और तकनीक से जुड़ा सच जनता के सामने रखें और यह भी बताए कि जब उन्हें सब ज्ञात था तो सड़क निर्माण के लिए घटिया सामग्री और तकनीक के इस्तेमाल किये जाने के समय उन्होंने विरोध क्यूं नही किया। जबकि तब वह कांग्रेस छोड़ चुके थे और दुकानदारों ने निर्माण के दौरान ही उंगली उठाई थी।
तब बेशक बल्लू पूर्व प्रधान हो चुके थे और निर्दलीय पार्षद के रूप में पुनः कौंसल सदन के सदस्य थे, तब भी वह दुकानदारों के साथ ठेकेदार के विरुद्ध इस सड़क पर क्यों नही आये।

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