नई दिल्ली/मैट्रो नेटवर्क
आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। साल के पहले सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हो रही है। राष्ट्रपति दोनों सत्रों को संबोधित किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिस-कर्मियों की संख्या में, 2014 के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है। सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप योग, आयुर्वेद एवं पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। साल 2014 में आयुष उत्पादों का निर्यात 6600 करोड़ रुपये का था जो कि अब बढ़कर 11 हजार करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 8000 से अधिक जन-औषधि केंद्रों के माध्यम से कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराकर, इलाज पर होने वाले खर्च को कम किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना के इस महासंकट में हमने बड़े-बड़े देशों में खाद्यान्न की कमी और भूख की परेशानी देखी है लेकिन मेरी संवेदनशील सरकार ने इस बात का पूरा प्रयास किया कि 100 साल के इस सबसे बड़े संकट में कोई गरीब भूखा न रहे।
उन्होंने कहा देश में 80 फीसदी किसान छोटे किसान ही हैं जिनका देश के विकास में अहम योगदान है। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस निवेश से कृषि क्षेत्र में आज बड़े बदलाव दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि पुराने संसाधन से भी नए रास्ते निकाले जा सकते हैं। इसके लिए हमारे अंदर इच्छाशक्ति होनी चाहिए।
इस दौरान कोविंद ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा 64 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर मिशन एक सराहनीय उदाहरण है। इससे न केवल वर्तमान की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि आने वाले संकटों के लिए भी देश को तैयार किया जा सकेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार की संवेदनशील नीतियों के कारण देश में अब स्वास्थ्य सेवाएं जन साधारण तक आसानी से पहुंच रही हैं। 80 हजार से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स और करोड़ों की संख्या में जारी आयुष्मान भारत कार्ड से गरीबों को इलाज में बहुत मदद मिली है।
उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के सामथ्र्य का प्रमाण वैक्सीनेशन प्रोग्राम में नजर आया है। हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन डोज़ लगाने का रिकॉर्ड पार किया। आज हम पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा वैक्सीन डोज़ देने वाले अग्रणी देशों में से एक हैं।
संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना वायरस से उत्पन्न वैश्विक महामारी का ये तीसरा वर्ष है, इस दौरान हमने भारत के लोगों की लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था, अनुशासन और कर्तव्यपरायणता को और मजबूत होते देखा है।